फाइबर प्रबलित प्लास्टिक (एफआरपी), जिसे फाइबर प्रबलित पॉलिमर या कंपोजिट के रूप में भी जाना जाता है। इसमें फाइबर के साथ प्रबलित मिश्रित सामग्री हैं। एफआरपी में उपयोग किए जाने वाले फाइबर;  कार्बन, ग्लास, अरिमिड या बेसाल्ट जैसे  विभिन्न सामग्रियों से बनाए जाते हैं। पारंपरिक सामग्रियों की तुलना में एफआरपी के कई फायदे हैं, जैसे टिकाऊपन , गंज प्रतिरोध, डिज़ाइन लचीलापन और निर्माण में आसानी। इनका उपयोग विभिन्न उद्योगों, जैसे एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव, निर्माण और खेल उपकरण में किया जाता है।फाइबर प्रबलित प्लास्टिक (एफआरपी) का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और आनेवाले वर्षों में भी ऐसा जारी रहने की उम्मीद है।

सोलर वॉटर हीटर  में घरेलू या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए पानी को गर्म करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। सोलर हीटर आमतौर पर सौर कलेक्टर्स से बने होते हैं, जो सूरज की किरणों को शोषित करके उसे गर्मी में परिवर्तित करते हैं। इस गर्मी से कलेक्टर अंदर का पानी गर्म होता है. यह गर्म पानी कलेक्टर्स के ऊपर रखी टंकी में संग्रहीत किया जाता है। कुल मिलाकर, सौर हीटर प्रौद्योगिकी का बाजार बढ़ने की उम्मीद है। सोलर वॉटर हीटर पानी गर्म करने के लिए प्राकृतिक सूर्य की रोशनी का उपयोग करते हैं। यह प्रणाली थर्मोसाइफन सिद्धांत पर काम करती है और इसे महंगी बिजली के बिना गर्म पानी उपलब्ध कराने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सोलर वॉटर हीटर आपके परिवार के लिए वर्षों तक परेशानी मुक्त गर्म पानी सुनिश्चित करने वाला एक बेहतर विकल्प बनाता है। इसमें व्यवसाय के अवसर भी बहुत है। 

फुटपाथ, मंदिर की परिक्रमा, घर का आँगन यहाँ पर जो रंगीन ईटें दिखती है वो पेवर ब्लॉक नाम से जनि जाती है। पेवर ब्लॉक  ईटें इंटरलॉकिंग तरीके से जमीन पर बिठाई जा सकती है, और वो विभिन्न आकार और रंगों में उपलब्ध होती हैं। ये ईटें भारी यातायात और किसी भी मौसम की स्थिति का सामना करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। कुल मिलाकर, पेवर ब्लॉक व्यवसाय एक संपन्न उद्योग है जो सजावटी सतह  के लिए विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है, और टिकाऊ और सौंदर्य पूर्ण रूप से विविध रचना बनाकर रुचिपूर्ण सुन्दर स्थान बनाने में मदद करता है। 

कम्पोस्ट खाद एक अच्छी गुणवत्ता वाली जैविक खाद होती है जो कोई भी फसल की कटाई के बाद खेत की घास, भूसा आदि से बचे हुए अवशेषों से बनाई जाती है। यह खाद खेत में उपयोग में लाने से, रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होती है।  फसलों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से कीटनाशकों के छिड़काव के दुष्प्रभाव और लागत कम हो जाती है।   मिट्टी की बनावट में सुधार होने से मिट्टी की जलधारण क्षमता बढ़ जाती है। मिट्टी का  कटाव कम हो जाता है।  
इस कोर्स में हम आपको ये कम्पोस्ट खाद कैसे बनाते है ये सीखेंगे, इसमे व्यवसाय के क्या अवसर हो सकते है ये भी बताएँगे।  

बायोफ्लॉक तकनीक मछली और झींगा पालन की एक उन्नत तकनीकी है जिसमें सूक्ष्मजीव के समुदाय का विकास और प्रबंधन शामिल है।   इन बायोफ्लॉक्स में बैक्टीरिया, कवक, शैवाल और प्रोटोजोआ सहित विविध सूक्ष्मजीव शामिल होते हैं, जो पानी में समुच्चय या फ्लॉक्स बनाते हैं। अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरणीय स्थिरता, कम क्षेत्र एवं समय में अधिक उत्पादन देने में ये तकनीक बहुत अच्छी भूमिका निभाता है। बायोफ्लॉक तकनीक अपने संभावित पर्यावरणीय लाभों, बाहरी खाने पर कम निर्भरता और उत्पादकता में वृद्धि के कारण जल-कृषि में लोकप्रियता हासिल कर रही है

फेब्रिकेशन में वेल्डिंग एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है। वेल्डिंग के अनेक प्रकारो मे से टिग और मिग वेल्डिंग की बारेमे ये कोर्स आपको महत्वपूर्ण जानकारी देगा।टिग वेल्डिंग में दो जुड़नेवाले धातुओं को गर्मी से पिघा दिया जाता है, जिससे वो धातु पिघलकर एकदूसरे में जुड़ जाते है।टिग वेल्डिंग का उपयोग तेल की टंकिया,सायलेंसर्स, दरवाजे के दस्ते, मोटर सायकल फ्रेम्स बनाने में किया जाता है। इस वेल्डिंग से स्टील, एल्युमीनियम, कॉपर, ब्रॉन्ज़ ऐसे धातुओंको जोड़ा जा सकता है। मिग वेल्डिंग स्वयंचालित या अर्ध स्वयंचालित वेल्डिंग प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में इलेक्ट्रोड और वर्कपीस के बिच एक इलेक्ट्रिक आर्क बनता है; जिससे धातु पिघलकर एकदूसरे में जुड़ जाता है। मिग वेल्डिंग का उपयोग स्टील के स्ट्रक्चर, ऑटोमोबाइल के कारखाने, बिल्डिंग कन्स्ट्रक्टशन पिपेलिए वेल्डिंग इत्यादि में किया जाता है।

कल्पना कीजिए की एक दिन सुबह उठने के बाद आपको सारी दुनिया ब्लैक एण्ड व्हाइट दिखाई दे रही है . सोचिए आपकी दुनिया कैसी होगी? आपके कपड़े, आपका वाहन, आपका घर,  हरे भरे पेड़, उनपे लगे रंग बिरंगे फूल सब कुछ अब ब्लैक एण्ड व्हाइट नजर आ रहे है। ये विचार हमें रंगो का महत्त्व समझाते है।
अगर हमे रंगाई के बारे मे जानकारी चाहिये तो सबसे पहले हमे इसके मुख्य घटक यानी रंग के बारे मे थोडी जानकारी होना जरूरी है। रंग के बनावट के अलग अलग प्रकार होते है, रंगाई किस सतह पे करनी है इसपर रंग के प्रकार बदलते है, घरेलू रंगाई और औद्योगिकी रंगाई के अलग प्रकार होते है।  हम इस वीडियो शृंखला में  सजावटी रंगाई और पुताई  के बारेमे विस्तारसे जानेंगे।
घरेलू सजावटी रंग के प्रकार, रंग देने से पहले लगने वाली पूर्वतयारी, रंग लगाने के तरीके ये सब बातें आपको सिखाई जाएँगी। इसके साथ ही, ग्राहक को रंगाई  से पहेले अनुमानित अंदाजपत्रक (कोटेशन ) कैसे देना है, रंगाई पूरी होने के बाद सुधारित चालान कैसे निकलना है, ये भी बताएँगे।  

पंप एक बहुत ही सरल लेकिन बहुत उपयोगी उपकरण है। जो द्रव (जैसे कि पानी, तेल, गैस, या अन्य रासायनिक पदार्थ) को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पंप करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। यह यंत्र बिजली, इंजन, या हाथ से चलाया जा सकता है, और इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि नलस्त्रोत, नलकूप, और इंडस्ट्रीयल प्रक्रियाओं में द्रव को पंप करना। सामान्यतः पंप दो प्रकार के होते हैं।  ये प्रकार पंप के काम करने के तरीके से जाने जाते हैं।  पहला है,पॉजिटिव डिस्प्लेसमेंट पंप और दूसरा है सेंट्रीफ्युगल पंप। हम इस वीडियो शृंखला में सेंट्रीफ्युगल पंप के बारेमे विस्तारसे जानेंगे। सेंट्रीफ्युगल पंप के प्रकार, घरेलु पंप और कृषि पंप का इंस्टॉलेशन ,रखरखाव, और व्यवसाय से संबंधित मूलभूत जानकारी आपको सिखाई जाएँगी।